सुनहरी मछली की कहानी
डा. मनोरमा विश्वाल महापात्र
मूल्य: 25.00 रुपए
हिंदी में वैसे बहुत-सी पुस्तकें निकल रही हैं, लेकिन बाल-साहित्य का अभाव अभी तक बना हुआ है। अंग्रेजी तथा अन्य विदेशी भाषाओं में बच्चों के लिए बहुत सुन्दर साहित्य बराबर आता रहता है, पर हिंदी में इस और अभी तक जितना ध्यान दिया जाना चाहिए, उतना नहीं दिया गया। इस कमी को दूर करने के लिए ‘मण्डल’ ने ‘बाल-साहित्य-माला’ की योजना बनाई और ऐसी पुस्तकें देने का प्रयत्न किया, जो बच्चों के लिए रोचक, रुचिकर और मनोरंजक हों, साथ ही उन्हें कुछ सीख भी दे सकें। प्रस्तुत पुस्तक ‘तीस मार खां’ में तीन कहानियां दी गई हैं जो बहुत ही मनोरंजक हैं। वैसे ये कहानियां मुख्य रूप से बच्चों के लिखी गई हैं, लेकिन सच यह है कि ये केवल बच्चों के लिए ही नहीं हैं, उन सबके लिए भी हैं जिनकी कहानियां पढ़ने में विशेष रुचि होती है। सभी कहानियां बड़ी रोचक, सरल भाषा और सुबोध शैली में लिखी गई हैं। कहानियां पढ़ने में तो आनंद आता ही है, पूरी हो जाने पर सोचने का भी अवसर मिलता है।
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