Mendak Aur Gilaharee (PB)

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ISBN: 978-81-7309-3
Pages: 63
Edition: First
Language: Hindi
Year: 2011
Binding: Paper Back

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Book Description

मेंढ़क और गिलहरी

गिजुभाई बधेला

मूल्य: 70.00 रुपए

स्व. गिजुभाई बधेला शिक्षा-क्षेत्र की एक महान विभूति थे। अपने प्रयासों और अनुभवों के आधार पर उन्होंने निश्चय किया था कि बच्चों के सही विकास के लिए, उन्हें देश का उत्तम नागरिक बनाने के लिए, किस प्रकार की शिक्षा देनी चाहिए और किस ढंग से। इसी ध्येय को सामने रखकर उन्होंने बहुत-सी बालोपयोगी कहानियां लिखीं। ये कहानियां गुजराती में दस पुस्तकों में प्रकाशित हुई हैं। इन्हीं कहानियों को हमने पांच पुस्तकों में प्रकाशित किया है। इन कहानियों को बालक चाव से पढ़ें, उन्हें पढ़ते या सुनते समय, वे उसमें लीन हो जाएं, इस बात का लेखक ने पूरा ध्यान रखा है। संभव-असंभव, स्वाभाविक-अस्वाभाविक, इनकी चिंता लेखक ने नहीं की। यही कारण है कि इन कहानियों की बहुत-सी बातें अनहोनी-सी लगती हैं। पर बच्चों के लिए तो कहानियों में रस प्रधान होता है, कुतूहल महत्व रखता है, और ये दोनों ही चीजें इन कहानियों में भरपूर हैं।

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