भगवदगीता
बहुत खेद की बात है कि भारतीय विश्वविद्यालयों के युवक-युवतियों को गीता और हिंदू-धर्म-सिद्धांतों का ज्ञान यूरोपीय विश्व-विद्यालयों के छात्रों के बाइबिल तथा ईसाई धर्म-सिद्धांतों के ज्ञान की अपेक्षा बहुत कम है। यह छोटी सी पुस्तक इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर मुख्यतः विद्यार्थियों के उपयोग के लिए लिखी गई है। जिस महान धार्मिक दर्शन के लिए भारत समस्त सभ्य संसार में प्रख्यात है, उसके सिद्धांतों का अच्छा ज्ञान न रखने वाला कोई भारतीय यथेष्ट शिक्षित होने का दावा नहीं कर सकता।
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