द्रोंण अस्वथामा
भारतीय वाड्.मय के जिन दो महान ग्रंथों ने देश-विदेश के असंख्य व्यक्त्यिों को अनुप्राणित किया है, उनमें महाभारत का स्थान अग्रणी है। उसका गहन अध्ययन जहां पाठकों के विचारों को स्वस्थ मानसिक खाद्य प्रदान करता है, वहां अपने जीवन को समुन्नत करने की भी प्रेरणा देता है। इस माला की ग्यारह पुस्तकें हैं। वे सभी सुपाठ्य और संग्रहणीय हैं। प्रस्तुत पुस्तक में लेखक ने आचार्य द्रोण और अश्वत्थामा का परिचय कराया है और उनके जीवन की अंतरंग झांकी उपस्थित की है।
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