हमारे लोक-जीवन में कहावतों का अपना स्थान है। उनसे भाषा में लालित्य उत्पन्न होता है और भाषा प्राणवान बनती है। शायद ही कोई ऐसा साहित्यप्रेमी होगा, जिसे थोड़ी-बहुत कहावतें कण्ठस्थ न हों। कभी-कभी बिना पढ़े-लिखे व्यक्तियों के मुँह से भी बड़ी सुन्दर कहावतें सुन पड़ती हैं। हमारे लोक जीवन के साथ कहावतों का अभिन्न नाता जुड़ा हुआ है।
हर कहावत के पीछे कोई-न-कोई घटना या कहानी होती है; लेकिन बहुत कम लोग उसे जानते हैं। प्रस्तुत पुस्तक में हमने चुनी। हुई कहावतों की कहानियां दी हैं। ये कहानियां इतनी रोचक और मनोरंजक हैं कि पढ़कर दिल बाग-बाग हो जाता है और सारी पुस्तक पढे बिना हाथ से नहीं छूटती। निस्संदेह हिन्दी में यह अपने ढंग का पहला प्रकाशन है।
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