कला स्वाद का मर्म
अज्ञेय एक युग प्रवर्तक कवि-कथाकार, कुशल पत्रकार और समीक्षक होने के साथ-साथ कला के भी अद्भुत पारखी थे। अज्ञेय के जन्मशताब्दी वर्ष में उनके कला विषयक इस पुस्तक का प्रकाशन मंडल के लिए गौरव की बात है। यहाँ अज्ञेय ने प्रसिद्ध कलाकार सतीश गुजराल, कुमारिल स्वामी, महजूर कश्मीरी, ब्रजमोहन जिज्जा, अवनी सेन तथा अवनींद्रनाथ से लेकर बिहार के तरुण कलाकार राजनीति सिंह तक की कलाकृतियों पर विचार किया है।
इस पुस्तक में पाठक अज्ञेय के लेख ‘संस्कृति बनाम इतिहास : कला की समस्या’ तथा ‘कला का स्वभाव और उद्देश्य’ के माध्यम से कला विषयक उनकी दृष्टि से भी। परिचित होंगे।
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