Prathvi Putra/पृथ्वी पुत्र 

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ISBN: 978-81-7309-3
Pages: 196
Edition: Fifth
Language: Hindi
Year: 2009
Binding: Paper Back

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Book Description

पृथ्वी पुत्र 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

पृथिवी पुत्र हिन्दी के विद्वान लेखक और पुरातत्त्ववेत्ता श्री वासुदेवशरण अग्रवाल के समय-समय पर लिखे हुए उन लेखों और पत्रों का संग्रह है। जिनमें जनपदीय दृष्टिकोण की सहायता से साहित्य और जीवन के संबंध में विचार प्रकट किए गए हैं। उनके वैचारिक दृष्टिकोण की मूल प्रेरणा पृथिवी या मातृभूमि है। उसके साथ जीवन के सभी सूत्रों को मिला देने से जीवन का स्वर फूटता है। यह मार्ग लोकान्मुख है, साहित्यिक कुतूहल नहीं, भावना का जन्म होता है। यह जीवन का धर्म है। जीवन की आवश्यकताओं के भीतर से पृथिवी पुत्र भावना का जन्म होता है।

इन पुस्तक के लेखों में उन्होंने जनपदीय लोक जीवन के अध्ययन के लिए दिशा निर्देश किया है और पाठकों से अपेक्षा रखी है कि वे जनपदों में कदम कदम पर बिखरी उस मल्यवान सामग्री को नष्ट होने से बचाएँ जिसके आधार पर हमारा जन जीवन अब तक टिका रहा है और आगे भी राष्ट्र के। नवनिर्माण में हम जिसकी उपेक्षा बिना अपनी हानि किए, नहीं कर सकते ।। | हमें विश्वास है कि प्रस्तुत पुस्तक में संगृहीत लेख हिन्दी साहित्य के लिए एक नवीन देन है। पाठक इससे अवश्य लाभान्वित होंगे।

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