Premchand Paritinidhi Sanchayan/प्रेमचंद प्रतिनिधि संचयन-कमल किशोर गोयनका

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Author: KAMAL KISHORE GOYANKA
Pages: 704
Edition: 1st (HB), 2nd(PB)
Language: Hindi
Year: 2013 (HB), 2109 (PB)
Binding: Both

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Book Description

प्रेमचंद प्रतिनिधि संचयन 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

संपादन: कमल किशोर गोयनका

कथा-सम्राट् प्रेमचंद भारतीय स्वाधीनता-आंदोलन और सांस्कृतिक नवजागरण के स्वाधीनताकामी कथाकार एवं चिंतक हैं। मूलतः वे व्यापक-विराट भारतीय जनजीवन के तीसरे महाकाव्य के भाष्यकार-महागाथाकार हैं। उनके सांस्कृतिक नवजागरण में भारतीय अस्मिता का पावनताजनित विवेक और विवेकजनित वयस्कता का भाव है। उनकी भारतीयता गहरे अर्थों में भारतीय आधुनिकता का पर्याय तो है ही, वह देश-भक्ति की लोकमंगलकारी सर्जनात्मक-प्रेरणा है। उनकी इस प्रेरणा में सत्याग्रह-युग की कालिदास भवभूतिलय है जो भारतीयता के सर्वोत्तम को पाठकों तक पहुंचाती है। प्रो. कमल किशोर गोयनका जी के इस संचयन का पाठक हृदय से आदर करते हुए इसे अपनाएगा।

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