संस्कृति के भावनायको की लीलास्थली
अज्ञेय के जन्मशताब्दी वर्ष में सस्ता साहित्य मंडल द्वारा उनके अनुपलब्ध साहित्य को आम पाठक के लिए सुलभ कराने का कार्य किया जा रहा है। इस क्रम में उनके द्वारा रचित एवं संपादित कई महत्त्वपूर्ण पुस्तकों का प्रकाशन किया गया है। इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए अज्ञेय जी की एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण किताब ‘संस्कृति के भाव-नायक : एक सांस्कृतिक यात्रा-वृत्तांत’ का प्रकाशन किया जा रहा है। इस पुस्तक में अज्ञेय जी ने मिथकीय भागवत भूमि की खोज के लिए जिस सांस्कृतिक यात्रा की अभिव्यक्ति की है वह भारतीय आध्यात्मिक पक्ष में एक नया आयाम जोड़ती है। राम और कृष्ण मिथकीय अवतार के साथ-साथ लीला-पुरुषोत्तम भी हैं। उनके महान और विराट व्यक्तित्व से न सिर्फ भारत बल्कि भारत से बाहर की दुनिया भी परिचित तथा प्रभावित रही है। अज्ञेय राम और कृष्ण से संबंधित इन स्थलों की यात्रा करते हुए लोक और शास्त्र में रमे दोनों महापुरुषों के जीवन की महाकाव्यात्मक अभिव्यक्ति करते हैं। यह पुस्तक भारतीय संस्कृति की अविच्छिन्न परंपरा को समझने में सहायक होगी।
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