संत महात्माओ की कहानियाँ
भारत वर्ष की चिंतन-परंपराओं में संतों-महात्माओं की देन का विशिष्ट महत्त्व रहा है। हमारे जीवन-जगत् के मूल्यों को संतों ने त्याग-तप से पावनताजनित विवेक दिया है। हमारी जनता को न जाने कब से इन संत-महात्माओं ने अपने विचारों से नए संस्कार दिए हैं। यह इन संतों के चिंतन का ही प्रताप है कि साधारणजन ने तानाशाहों की सत्ता को चुनौती देने का साहस पाया है। पहले से बसी जातियों, धर्मों के साथ कई बार कड़े संघर्ष हुए। लेकिन यहाँ के संतों में अवश्य ऐसी बात रही है। कि कालांतर में प्रेम-करुणा-उदारता-सहिष्णुता तथा समन्वय की नीति को समाज ने अपना लिया। यहाँ संतों के चिंतन का ही अमृत-भाव रहा कि प्रेम को परम पुरुषार्थ माना गया है।
संत-महात्माओं पर केंद्रित इस पुस्तक में जीवनानुभवों का प्रेम-रस प्रवाहित है। यह पुस्तक नई पीढ़ी के लिए नैतिक मूल्यों का नया पाठ सिद्ध होगी। इस विश्वास के साथ मैं यह मूल्यवान कृति आपके हाथों में सौंप रहा हूँ।
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