त्रिशंकु
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ हिंदी के युगद्रष्टा साहित्यकार हैं। कविता, कहानी, उपन्यास, निबंध, यात्रासंस्मरण आदि सभी विधाओं को उन्होंने अपने लेखन से समृद्ध किया और उनकी रचनाएँ हर क्षेत्र में प्रतिमान सिद्ध हुई हैं।
एक निबंधकार के रूप में अज्ञेय के लेखन से पाठक भलीभांति परिचित हैं। उनके निबंधों का यह संग्रह ‘त्रिशंकु 1945 ई. में सर्वप्रथम प्रकाशित हुआ था और काफी चर्चित हुआ। साहित्य, संस्कृति और कला पर लिखे गए उनके ये निबंध हिंदी साहित्य के धरोहर हैं। आशा है प्रस्तुत निबंध को पाठक पसंद करेंगे।
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