Bandiyon Ki Atmkathyien (PB)

$1

ISBN: 978-81-7309-839-0
Pages: 116
Edition: 2nd
Language: Hindi
Year: 2016
Binding: Paper Back

View cart

Description

मित्रवर सुरेन्द्र कुमार शर्मा की यह मूल्यवान अनुभवों से संपन्न पुस्तक ‘बंदियों की आत्मकथाएँ अपने ढंग की अकेली है। बंदियों की व्यथा-कथा को लेकर हिंदी में बहुत कम लिखा गया है। मैं समझता हूँ कि इस क्षेत्र पर लिखा जाना चाहिए ताकि जेल जीवन का भीतरी इतिहास सामने आ सके। हम उस मानसिकता से भी साक्षात्कार कर सकें जो हमारे लिए अबूझ रही। है। कारागार में रहनेवाले बंदियों की स्थिति-परिस्थिति का अध्ययन और विचार-विमर्श एक जटिल संश्लिष्ट पाठ है। यह पाठ इस पुस्तक में कई कोणों से मौजूद है।

मैं यह अनुभवात्मक ज्ञान की पुस्तक पाठक समाज के हाथों में सौंपते हुए अपार हर्ष का अनुभव कर रहा हूँ। यह पुस्तक प्रबुद्ध समाज को सोचनेसमझने का नया अवसर प्रदान करेगी। इसी विश्वास के साथ इस पुस्तक की अंतर्यात्रा का लाभ उठाए। इसका पूरे मन से स्वागत भी।

Additional information

Weight 200 g
Dimensions 14,2 × 21,5 × 1,9 cm

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Bandiyon Ki Atmkathyien (PB)”