Bhakat Kabir

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Author: BAKHSHISH SINGH
ISBN: 978-81-7309-929-8
Pages: 134
Edition: 2nd
Language: Hindi
Year: 2018
Binding: Hard Bond

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Book Description

‘भगत कबीर’ में कबीर जी का संक्षिप्त परिचय व विचार है और मुख्य रूप से कबीर जी के 243 श्लोक, जो कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी (पृ. 13641377) में संग्रहित हैं, उनका हिंदी में लिप्यांतर तथा उनके अर्थ-भावार्थ देने का प्रयास किया गया है, ताकि गुरुमुखी भाषा न जाननेवालों व हिंदी भाषा समझनेवालों को इसकी जानकारी मिल सके।

यह करीब 1952-53 की बात है, पिता जी परिवार को आगरा ले आए और ‘डेरा काछीपुरा’ के गुरुद्वारा के पास एक दो कमरे का मकान किराये पर लेकर रहने लगे। आस-पास और भी सिक्ख परिवार व पंजाबी परिवार, जो पाकिस्तान से आए थे, रहते थे।

नियमित गुरुद्वारे में सुबह-शाम जाना ही है, ऐसा सभी बच्चों व बड़ों का नियम सा था। वहीं गुरुबाणी में रुचि हुई और आनंद आने लगा। यह सब बचपन की बात है। बहुत सी नितनेम की बाणी कंठस्थ भी हो गई, जो इस उम्र तक याद है और रोज उनका पाठ करना नियम ही है और दिनचर्या का लाजमी हिस्सा है। इस उम्र में आकर यह विचार आया क्यों न श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में संग्रहित भगतों, संतों आदि की वाणी को हिंदी में लिप्यांतर व अर्थ करने का प्रयास किया जाए। यह पुस्तक ‘ भगत कबीर’ उसी प्रयास का परिणाम है।

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