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‘सस्ता साहित्य मण्डल’ ने हिंदी तथा उसके परिवार की अन्य भाषाओं की चुनी हुई, लोक-कथाओं की अनेक पुस्तकें प्रकाशित की हैं। इन पुस्तकों की पाठकों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उनकी लोकप्रियता का अनुमान इस बात से किया जा सकता कि उस माला की प्रायः सभी पुस्तकों के अनेकों संस्करण हो गए हैं। उसी से प्रेरित होकर हम यह नई पुस्तक-माला आरंभ कर रहे हैं। इसमें विभिन्न देशों की लोक-कथाओं को अलग-अलग पुस्तकों में प्रकाशित किया जाएगा। पाठक देखेंगे कि लोक-कथाओं में कितना साम्य होता है। यदि कहानियों के परिवेश तथा पात्रों के नामों में अंतर न हो, तो पता ही चलता कि कौन कथा किस देश की है।
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