पण्डित जवाहरलाल नेहरू की वैसी तो सभी पुस्तकें बहुत ही लोकप्रिय हैं, । लेकिन उनकी अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति की पुस्तकों में विश्व-इतिहास की झलक’ का महत्त्वपूर्ण स्थान है। पाठक जानते हैं कि वह इतिहास की कोई सामान्य पुस्तक नहीं है, उसमें लेखक ने संसार के इतिहास का एक नए दृष्टिकोण से सिंहावलोकन किया है और इस प्रकार भारत के ही नहीं, संसार के पाठकों के लिए वह विशिष्ट ग्रन्थ बन गया है।
प्रस्तुत पुस्तक की सामग्री इसी ग्रन्थ से ली गई है। विद्वान लेखक ने अपने विशाल ग्रन्थ में ऐसे अनेक महापुरुषों का वर्णन किया है, जिन्होंने इतिहास की धारा को एक नया मोड़ दिया अथवा अध्यात्म, दर्शन, साहित्य, कला और संस्कृति के क्षेत्र में इतना ऊँचा काम किया कि उनका नाम सदा के लिए अमर हो गया।
इस पुस्तक का आरम्भ आज से लगभग ढाई हजार वर्ष पहले के दो। महापुरुष बुद्ध और महावीर के वर्णन से होता है और फिर संसार के चुने हुए राजनेताओं, शासकों, तत्त्ववेत्ताओं, साहित्य और कला के उन्नायकों आदि का विवेचन करते हुए तुर्की के महान नेता मुस्तफा कमाल पाशा के साथ इसका अन्त हो जाता है। इसमें कोई सन्देह नहीं कि जिन चरित्रों को इस पुस्तक में लिया गया है, उनके जीवनवृत्त आज भी हमें प्रेरणा देते हैं।
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