मै तंदुरुस्त हू या बीमार
इस पुस्तक के प्रकाशन के पीछे एक विशेष ध्येय यह रहा है कि जरा-जरा सी बात के लिए हमें डाक्टरों या वैद्यों के पास न दौड़ना पड़ें। यदि हमें यह जानकारी हो जाए कि हम किन बातों का ध्यान रखकर तन्दुरुस्त रह सकते हैं और यदि कोई छोटा-मोटा रोग हो जाय तो उसे किस प्रकार बिना खर्च के कैसे दूर कर सकते हैं, तो हम बहुत बड़ी परेशानी से मुक्त हो सकते हैं। इस पुस्तक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह तन्दुरुस्ती का रहस्य बताती है और रोग के डर को मन से निकालती है।
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