बंगला के सुविख्यात लेखक मनोज बसु के इस उपन्यास के बंगला में अब तक कई संस्करण हो चुके हैं और इसके आधार पर एक फिल्म भी बनी है। यह एक नए ढंग का उपन्यास है और इसमें बताया गया है कि वास्तविक शिक्षा कैसी होनी चाहिए और वह किस प्रकार के शिक्षकों द्वारा दी जा सकती है। मण्डल ने कई उपन्यासों का प्रकाशन किया है जिनकी भूरि-भूरि प्रशंसा की हुई है। इनकी लोकप्रियता का प्रमाण यह है कि इन उपन्यासों में से अधिकांश के नए-नए संस्करण हो चुके हैं और कुछ तो कई-कई बार पुनर्मुद्रित हुए हैं।
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