निरोग होने का सच्चा उपाय
डा. आर.टी. ट्राल
मूल्य: 35.00 रुपए
आज डाक्टरों और दवाओं का जोर इतना बढ़ गया है कि जरा-सा रोग होने पर रोगी उनके पीछे दौड़ता है और पैसा तथा स्वास्थ्य दोनों की बरबादी करता है। इस पुस्तक में बताया गया है कि बीमार दवाओं से अपने को कदापि नीरोग नहीं कर सकता। वह प्रकृति की सहायता से ही अपनी जीवन-शक्ति को बढ़ाकर रोगमुक्त हो सकता है। रोग आखिर शरीर के विषों का, जिन्हें विजातीय द्रव्य कहते हैं, निष्कासन ही तो है। इस कार्य में हम प्रकृति की जितनी अधिक मदद करेंगे, उतना ही हमारा शरीर शुद्ध अर्थात् नीरोग होगा। इस पुस्तक को पढ़कर पाठक स्वास्थ्य-संबंधी बुनियादी बातों से परिचित हो सकते हैं।
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