माँ के अपमान का बदला
हम भारतीयों के लिए राम-कथा-परंपरा हमारी जातीय-स्मृति की सर्वाधिक मूल्यवान धरोहर है। भारतीय संस्कृति के भावनायक राम की कथाओं ने हमारे मनोजगत् की मूल्यचेतना का निर्माण किया है। इन कथाओं ने हमारी सांस्कृतिक-नैतिक चेतना के परिष्कार के साथ भारतीय सामूहिक मन को राम के आदर्शों के आधार पर निर्मित किया है। हमारी संस्कृति के निर्माण में कवियों की जैसी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है-वैसी भूमिका अन्यत्र किसी देश में नहीं मिलती है। वाल्मीकि रामायण को आधार बनाकर जैन धर्म के कवियों ने महान् साहित्य का सृजन किया है। इस सृजन में सबसे प्रमुख हैअपभ्रंश भाषा में रचित स्वयंभूदेव का महाकाव्य ‘पउमचरिउ’। मेरे विद्वान मित्र डॉ. योगेंद्र नाथ शर्मा ‘अरुण’ ने ‘पउमचरिउ’ के आधार पर पाठकोंविशेषकर बाल पाठकों, किशोरों के लिए इन कहानियों को मनोयोगपूर्वक प्रस्तुत किया है।
मैं अरुण जी के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए इन प्रेरणादायक कहानियों को पाठकों के हाथों में सौंपते हुए अत्यंत गर्व एवं गौरव का अनुभव कर रहा हूँ। मुझे विश्वास है कि पाठक-समाज में इन कहानियों का मुक्त हृदय से स्वागत होगा।
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.