Dirdh Jivi Kaise Ho
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Author: MAHENDRAPAL SINGH
Pages: 101
Language: HINDI
Year: 2009
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Description
प्रस्तुत पुस्तक बड़े काम की है। इससे पता चलता है कि हमारा जीवन, रहन-सहन, खान-पान असंतुलित हो गया है और हम अनेक दुव्र्यसनों के शिकार हो गये है। शराब तथा अन्य मादक पदार्थों ने मानव के विवेक पर पर्दा डाल दिया है, जिससे उसकी शारीरिक, मानसिक तथा बौद्धिक शक्ति का ह्रास हो गया है। इस पुस्तक में यह बताया गया है कि यदि हम चाहते हैं कि हमें दीर्घायु प्राप्त हो, स्वस्थ रहें तो हमें सब प्रकार के व्यसनों को तिलांजलि देकर संयमपूर्ण जीवन व्यतीत करना होगा। पुस्तक की भाषा-शैली बड़ी सरल और सुबोध है। जो भी इस पुस्तक पढेंगे, उन्हें लाभ ही होगा।
Additional information
Weight | 0,87 g |
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Dimensions | 18,3 × 11,9 × 0,4 cm |
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